मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के राज्य राजस्थान के दो जिलों के बीच में है इस मंदिर का एक भाग करोली में और एक दौसा में है । बालाजी का यह मंदिर पुरे भारत में प्रेत आत्माओं, काले जादू, तथा मंत्रो से मुक्ति दिलाने के लिए प्रख्यात है । शनिवार एवं मंगलवार के दिन भक्त लाखों की संख्या में इस स्थान पर आते है इस मंदिर की विशेषता ये है की यहाँ पे कोई भी पीड़ित बिना किसी दवा अथवा जादू टोना के बिना स्वस्थ होकर लौटता है । जो रोगी बहुत गंभीर अवस्था में होते हैं उन्हें इस मंदिर में जंजीरो से बांधकर लाया जाता है ।
बालाजी मंदिर का इतिहास :-
इस मंदिर का इतिहास करीबन १००० वर्ष पुराना और ऐसा कहा जाता है एक बार महंत श्री गोसाई महराज जंगल से गुज़र रहे थे तब उन्होंने बालाजी, प्रेत राज सरकार, और भैरो बाबा को एक फ़ौज के साथ देखा । उसी रात महंत जी जब सो रहे थे तो उन्हें स्वप्न ने ये तीन देवता देखे और उन्होंने उनको अपनी सेवा एवं पूजा अर्चना करने को कहा तब बालाजी मंदिर का पहला निर्माण हुआ और फिर बाद में तीनो देवता बालाजी महाराज, प्रेत सरकार और भैरो बाबा वहां स्थापित हो गए।
इस मंदिर में प्रेत राज सरकार को दंड अधिकारी का और भैरो जी को कोतवाल का पद दिया गया है इस मंदिर में तीनो देवगणो को अलग अलग प्रसाद चढ़ाता है सबसे प्रथम बालाजी को लड्डू का प्रसाद प्रेत राज को चावल का और भैरो जी उड़द का प्रसाद चढ़या जाता है । प्रसाद के रूप दो लड्डू रोगियों को खिलाये जाते है और बाकि का शेष पक्षियों को दाल दिया जाता है । क्यूंकि ऐसा कहाँ जाता है यहाँ के भोग प्रसाद को खाने से सरे कष्ट दूर हो जाते है ।
महेंदीपुर बालाजी मंदिर में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखे :-
१. मंदिर में कभी भी किसी से न प्रसाद ले और न ही वहां पर खाने वाला सामान साथ ले जाये इसका कारण ये है की लोगो से प्रसाद लेना आपको नुक्सान पंहुचा सकता है ।
२. मंदिर के आस पास किसी भी रोगी को छूने की कोशिश न करे और किसी से न बात करें ।
वैसे तो भारत देश में हनुमान जी के अनेकों मंदिर है परन्तु राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी का अलग ही महत्त्व है ।
लेखक :- स्वीकृति दंडोतिया