इंदौर : कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा भारतीय दण्ड विधान-1973 की धारा-144 के तहत शैक्षिक संस्थानों द्वारा फीस वसूली पर रोक लगा दी है। आदेश का उल्लंघन करने पर धारा-188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
जारी आदेशानुसार वर्तमान में कोविड-19 (कोरोना वायरस) रोग से बचाव तथा रोकथाम हेतु लगाये गये सम्पूर्ण लॉक डाउन को देखते हुये किसी भी विद्यालय/महाविद्यालय अथवा शिक्षण संस्थान के द्वारा एवं ऐसे संस्थान, जिनके द्वारा इंटरऐक्टिव क्लास रूम/ऑनलाइन क्लास रूप की घर बैठे शिक्षा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है, के भी द्वारा वर्तमान में फीस प्राप्त करने हेतु किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जायेगा। कोविड-19 (कोरोना वायरस) समस्या के समाप्त होने के बाद उक्त संबंधित द्वारा उक्त राशि का निराकरण करा दिया जायेगा।
जारी आदेशानुसार बाहर से अध्ययन हेतु आये छात्र/छात्रओं से उनके होस्टल संचालक/मकान मालिकों द्वारा माह मार्च की किराये की राशि जो वर्तमान में देय है, को प्राप्त करने हेतु किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जायेगा। कोविड-19 (कोरोना वायरस) समस्या के समाप्त होने के बाद उक्त संबंधित किरायेदार द्वारा किराये की राशि का निराकरण करा दिया जायेगा। साथ ही बाहर से अध्ययन हेतु आये छात्र/छात्रायें, जो होस्टलों या मकानों में किराये से रह रहे हैं, तो उन्हें भोजन उपलब्ध कराने की सम्पूर्ण जवाबदारी संबंधित होस्टल संचालक/मकान मालिक की होगी। यदि आदेश का उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
जारी आदेशानुसार वर्तमान में सम्पूर्ण लॉकडाउन होने से इंदौर स्थित पेट्रोलियम डिपो में पेट्रोल/डीजल का भण्डारण क्षमता से अधिक न हो, इसलिये पेट्रोलियम डिपो से इंदौर जिले के सभी पेट्रोल पम्प जो चालू हो या बंद हो, के भण्डारण हेतु छूट दी गयी है। पेट्रोल पम्प वे ही चालू रखे जायेंगे, जिन्हें खोलने हेतु अनुमति प्रदान की गयी है।