भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के 45वें संस्करण के विश्व सिनेमा खंड की एक प्रमुख फिल्म द गॉर्ड्स ऑफ वॉटर के निर्देशक पाब्लो सीजर ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। फिल्म में नायक इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में है कि प्राचीन ज्ञान एक विज्ञान था या धर्म पर आधारित था। इस फिल्म में इसका उत्तर ढूंढने के लिए अंतिम बुद्धिमान व्यक्तियों तक पहुंचने की उसकी यात्रा का वृतांत है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म अर्जेंटीना, अंगोला और इथोपिया के सहयोग से बनी है। उन्होंने फिल्म के लिए अनुसंधान करने के एक हिस्से के रुप में महाभारत, रामायण और अन्य ग्रंथों जैसे भारतीय पौराणिक कहानियों का अध्ययन किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय सिनेमा के दृश्यों से फिल्म बनाने की प्रेरणा मिलती है। वह पिछले 20 वर्षों से फिल्म समारोहों में भाग लेते रहे हैं। उनकी अगली परियोजना का केन्द्र बिन्दु 1924 में रविन्द्रनाथ टैगोर की अर्जेंटीना यात्रा है। उनकी फिल्म फरवरी के आखिर में अर्जेंटीना में प्रदर्शित की जाएगी।
पाब्लो सीजर कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं और उन्होंने एमिएंस (फ्रांस), मॉन्ट्रियल (कनाडा युवा फिल्म समारोह), केलिबिया (ट्यूनिशिया), हूये (बेल्जियम), हैदराबाद (भारत), उआगाडुगोउ (बुर्कीना फासो), विला कार्लोस पाज़ और बुएनोस एरेस (अर्जेंटीना) के समारोहों में जूरी के बतौर भाग लिया है। वह 1992 से बुएनोस एरेस के यूनिवर्सीडैड डेल सिने में प्रोफेसर हैं और निर्देशन, निर्माण विषयों में उनकी विशेषज्ञता है तथा सिनेमा सेमिनार नामक किताब लिखी है।