हमारे हिंदू धर्म में सावन का महीना काफी पवित्र माना जाता है। इसे धर्म-कर्म का माह भी कहा जाता है। सावन महीने का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा है। बारह महीनों में से सावन का महीना विशेष पहचान रखता है। इस दौरान व्रत, दान व पूजा-पाठ करना अति उत्तम माना जाता है व इससे कई गुणा फल भी प्राप्त होता है। इस बार का सावन अपने आप में अनूठा होगा।
विशेष – इस बार 144 साल बाद सावन महीने में सौभाग्य योग बनेगा। श्रद्धालुओं में इसे लेकर खासा उत्साह है। शिव आराधना के लिए विशेष फलदायी पवित्र श्रावण(सावन) माह 1 अगस्त से शुरू होगा। इस बार यह महीना 29 दिन का रहेगा। पूरे माह श्रद्धालु शिव आराधना में लीन रहेंगे। इस बार सावन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग में हो रही है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है।
इस बार 31 जुलाई की सुबह 9:54 से 1 अगस्त की सुबह 7:42 तक श्रवण नक्षत्र रहेगा। 31 जुलाई की दोपहर 2:37 से 1 अगस्त की सुबह 11:02 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा। पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री के अनुसार 1 अगस्त को ही दोपहर 1:09 से 2 अगस्त की सुबह 5:19 तक द्विपुष्कर योग रहेगा, जिसे सौभाग्य योग भी कहते हैं। वहीं, 27 जुलाई को हरिशयनी एकादशी और 31 जुलाई 2015 को गुरु पूर्णिमा भी है। जबकि 21 नवम्बर 2015 को देवोत्थानी एकादशी के बाद शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।
वर्ष 2015 में सावन के महीने में इस बार 4 सोमवार पड़ रहे हैं-
3 अगस्त 2015
10 अगस्त 2015
17 अगस्त 2015 और
24 अगस्त 2015 के साथ ही दो प्रदोष भी आ रही हैं ।
11 अगस्त 2015 और 27 अगस्त 2015 होगा।
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री