ओंकारेश्वर के पर्वत को हरा-भरा बनायेंगे – मुख्यमंत्री

खण्डवा : मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा का मध्य प्रदेश के विकास में बहुत बड़ा योगदान हैं। इसके जल का प्रदेश में सिंचाई, बिजली उत्पादन, कृषि, पेयजल सहित अन्य क्षेत्रों में भरपूर उपयोग किया जा रहा है और विकास को नये आयाम दिये जा रहे है। उन्होेंने कहा कि नर्मदा की समृद्ध राशि से प्रदेश की कृषि वृद्धि दर देश में सबसे अधिक बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को बक्सा नहीं जायेगा। उन्हें कड़ी सजा देने के लिये फांसी देने का कानून बनाया जायेगा और इसे मंजूरी के लिये राष्ट्रपति को भेजेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा के तहत आज प्रसिद्ध तीर्थस्थल ओंकारेश्वर में निकाली गई यात्रा के पश्चात आयोजित विशाल जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के पीठाधिश्वर श्री अवेधशानंद जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सर सह कार्यवाह श्री सुरेश सोनी, सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान, राज्य मंत्री मंडल के सदस्यगण, प्रख्यात निदेशक श्री चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, विशेष रूप से मौजूद थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा जीवन को बचाने वाली यात्रा हैं। उन्होंने कहा कि इस नदी का अस्तित्व वृक्षों पर निर्भर हैं। वृक्ष रहेंगे तो यह नदी रहेंगी। इस नदी को बचाने के लिये बडे़ पैमाने पर वृक्षारोपण का अभियान शुरू किया जा रहा है। प्रसिद्ध तीर्थस्थली ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत को आगामी जुलाई माह में सघन वृक्षारोपण कर हरियाली से आच्छादित किया जायेगा। उन्होेंने नर्मदा किनारे के दोनो ओर के किसानों से आग्रह किया कि वे फलदार पेड़ लगाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर बसे शहरों में मल-जल उपचार संयंत्र लगाये जायेंगे, ताकि यह नदी प्रदूषित ना हो। उन्होेंने कहा कि प्रदेश में एक मई से पॉलीथीन की थैली पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा तथा 31 मार्च के बाद नर्मदा नदी के तटों के किनारें की मदिरा दुकानें बंद कर दी जायेंगी। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए नागरिकों से इसमें सक्रिय सहयोग देने का आव्हान किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर सह कार्यवाह श्री सुरेश सोनी ने कहा कि हम नदियों की रक्षा करेंगे तो नदी हमारी रक्षा करेंगी। नदियां माँ के समान हैं। यह जीवन के विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं। नदियों का आध्यात्मिक महत्व भी हैं। नदियों का सतत् प्रवाह जीवन के लिये अत्यंत जरूरी हैं। उन्होंने नदियांे में विशेषकर नर्मदा नदी के प्रवाह को अविरल बनाये रखने के लिये सकारात्मक प्रयासों की जरूरत बताई। उन्होंने नदियों की पवित्रता एवं शुद्धता को कायम रखने की बात कही। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह सामाजिक परिवर्तन का बड़ा माध्यम हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जुना अखाड़ा के पीठाधिश्वर श्री अवेधशानंद जी महाराज ने कहा कि अर्पण, तर्पण एवं सर्मपण भारतीय संस्कृति का मूल आधार हैं। हमारी संस्कृति में जल को नारायण माना गया हैं। हम प्राकृतिक संसाधनों की पूजा करते हैं। वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व हैं। वृक्षो के बगैर जीवन अधूरा है। वृक्षों को बचाकर नदियों का अस्तित्व बचाया जा सकता है। उन्होंने नदियों के प्रदूषण रोकने की भी जरूरत बताई। उन्होंने ओंकारेश्वर में स्थापित होने वाली आदि गुरू शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा के लिये धातु के सहयोग की अपील भी की।

आदिगुरू शंकराचार्यजी महाराज की प्रतिमा के लिये जनसहयोग देने का सिलसिला हुआ शुरू
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज घोषणा की थी कि ओंकारेश्वर में आदिगुरू श्री शंकराचार्य जी महाराज की विशाल प्रतिमा स्थापित की जायेगी। अष्टधातु से निर्मित होने वाली प्रतिमा के लिये हर किसी व्यक्ति से धातु का सहयोग लिया जायेगा। कोई भी नागरिक निसंकोच अपनी धातु के टुकडे़ के रूप में अपना सहयोग दे सकता है। जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सबसे पहले 11 किलो तांबा देने की घोषणा की। इसके बाद देखते ही देखते धातु का सहयोग देने वालों की कतार लग गई। इस दौरान जनप्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी धातु का सहयोग करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान इसके पश्चात ओंकारेश्वर के नर्मदा नदी पर स्थित अभय घाट पहुंचे। यहां उन्होंने सपत्निक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माँ नर्मदा का पूजन कर आरती की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा के सिलसिले में ओंकारेश्वर के भ्रमण पर थे। इस दौरान उन्होंने नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा की अगवानी की तथा सपत्निक इस यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के पश्चात वे जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे।

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