स्मार्ट विलेज बनाने के निर्देश

इंदौर | इंदौर राजस्व संभाग के आयुक्त श्री संजय दुबे की अध्यक्षता में आज कमिश्नर कार्यालय सभाकक्ष में इंदौर संभाग के कलेक्टर्स एवं सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे विशेष प्रयास करके तथा विभिन्न मदों के जरिये इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में 25 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को स्मार्ट विलेज (आदर्श ग्राम) बनायें तथा इन ग्राम पंचायतों में पेयजल, सड़क, नाली, कचरा प्रबंधन, नाडेप टाका, शौचालय,साफ-सफाई आदि की व्यवस्था करें। वे इस काम में मनरेगा, बैकवर्ड रीजन ग्राण्ट फण्ड, अजा-जजा विशेष मद राशि, सांसद एवं विधायक निधि, कृषि विभाग के बजट से उक्त कार्य करवायें तथा हर सप्ताह कमिश्नर कार्यालय को प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इंदौर संभाग में यह अभिनव प्रयोग आप सभी अधिकारियों के सहयोग से लागू करना है।

कमिश्नर श्री दुबे ने इस अवसर पर कलेक्टर्स और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों का आसंजन समाप्त करें। उन्हें चुनाव कार्य से पूरी तरह मुक्त रखें। उन्होंने कहा कि समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों को निर्देशित करें कि दूसरे विभागों में कार्यरत शिक्षिकों का वेतन आहरण नहीं करें। इस माह के बाद यदि कोई शिक्षक आसंजित रहते हैं तो आहरण संवितरण अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कोषालयों को भी निर्देशित किया गया है कि वे अगले माह से आसंजित शिक्षकों का वेतन आहरण नहीं करें।

बैठक में मनरेगा, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, इंदिरा आवास योजना, कपिल धारा उपयोजना, अपूर्ण कार्यों की प्रगति, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजन, युवा उद्यमी योजना, आर्थिक कल्याण योजना, स्वच्छता मिशन-मर्यादा अभियान, एकीकृत जल ग्रहण प्रबंध कार्य, सी.एम.हेल्प लाइन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव संबंधी, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, राजस्व के डायवर्शन प्रकरणों की स्थिति, विवादित नामांतरण, अविवादित नामांतरण, विवादित बंटवारा, अविवादित बंटवारा, सीमांकन, अतिक्रमण, नजूल लीज का नवीनीकरण, भू-अर्जन अवार्ड की स्थिति एवं मुआवजा वितरण की जानकारी, आरबीसी 6-4 की प्रगति, जाति प्रमाण-पत्र, वसूली, वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु छोटे-बड़े पेड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि उपलब्ध कराना,ग्रामीण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था, नवीन मार्गदर्शी सिद्धांत एवं जन सहयोग राशि आधारित स्वीकृत नल जल योजनाओं की जानकारी, सौर ऊर्जा पंप आधारित स्वीकृत योजनाओं की जानकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के रिक्त-भरे पदों की स्थिति की समीक्षा, आंगनवाड़ी भवन निर्माण, उन्नयन की प्रगति की समीक्षा, सुपोषण अभियान में दर्ज अतिकम वजन के बच्चों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा भी की गयी। बैठक में महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।

कमिश्नर श्री दुबे ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की कोई समस्या नहीं आनी चाहिये। सभी हैण्डपंप चालू रहना चाहिये तथा पिछले दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी पेयजल परिवहन की नौबत नहीं आना चाहिये। काम न करने वाले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग विशेष अभियान चलाकर इंदौर संभाग में कुपोषण को दूर करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि इंदौर संभाग में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव और सभी बच्चों का टीकाकरण अनिवार्य है। इसके अलावा अस्पतालों में साफ-सफाई, दवा वितरण और मशीनों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर और जिला स्तर पर स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू के लिये विशेष सतर्कता जरूरी है। इसके लिये ब्लाक और जिला स्तर पर विशेष प्रकोष्ठ गठित किया जाये और स्वाइन फ्लू के मरीजों को शीघ्रातिशीघ्र अस्पताल में भर्ती किया जाये। प्राय: देखने में आया है कि स्वाइन फ्लू से जिन मरीजों को बीमार होने के तीन दिन के भीतर भर्ती कर दिया गया और व्यवस्थित इलाज किया गया तो वे स्वस्थ्य हो गये । स्वाइन फ्लू स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्या है। इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री आवास योजना में संभाग में 80 प्रतिशत उपलब्धि
बैठक में कमिश्नर श्री दुबे ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत इंदौर संभाग में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग में वित्त वर्ष 2014-15 में 32 हजार 255 आवास के लक्ष्य के विरुद्ध विभिन्न बैंकों द्वारा 25 हजार 694 आवास स्वीकृत किये गये हैं। सबसे अच्छी स्थिति खण्डवा और धार जिले की है। संभाग में 80 प्रतिशत प्रकरणों में बैंकों द्वारा ऋण वितरित किया जा चुका है। इसके लिये संभाग के कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी बधाई के पात्र हैं।

बैठक में आयुक्त इंदौर राजस्व संभाग श्री संजय दुबे, कलेक्टर इंदौर श्री आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर धार श्रीमती जयश्री कियावत, कलेक्टर झाबुआ श्री चन्दशेखर बोरकर, कलेक्टर बड़वानी श्री रवीन्द्र सिंह, कलेक्टर बुरहानपुर सुश्री आयरिन सिंथिया, कलेक्टर खण्डवा श्री एम.के.अग्रवाल और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।

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