हॉट स्पाट राज्यों से भी ज्यादा खतरनाक स्थिति में इंदौर

शहर में लॉक डाउन खौलने की फिलहाल नहीं दिख रही स्थिति…

कोविड-19 का कहर झेल रहे देश में मध्यप्रदेश और खास कर इंदौर की स्थिति खतरनाक स्तर पर है। देश के हॉट स्पॉट में शुमार दस राज्यों में मध्यप्रदेश छठे नंबर पर है और इन राज्यों के मुकाबले इंदौर शहर आठवे नंबर पर है। यानी इंदौर के हालात हॉट स्पॉट प्रदेश जितने खराब हो चुके है। जाहिर बात है कोरोना नियंत्रण के लिए जो प्रयास प्रशासनिक स्तर पर चल रहे है वे नाकाफी है और किए जा रहे सारे प्रयास सिर्फ कागजों पर सिमटे है। हालात सुधार की जो तस्वीर पेश की जा रही है उसकी हकिकत इससे एकदम उलट है। स्थिति की गंभीरता इस आंकड़े से समझा जा सकता है कि मध्यप्रदेश में जितने मरीज है उसके 46 प्रतिशत मरीज अकेले इंदौर में है और इंदौर में मरने वालों का प्रतिशत भी 46 हो चुका है। ऐसी स्थिति में समझा जा सकता है कि शहर के हालात वैसे नहीं जैसी तस्वीर प्रशासन दिखा रहा है। स्थानीय नागरिक खौफजदा है और हालातों से चिंतित भी है। क्यों की 1 जून को लॉक डाउन का चौथा चरण पूरा हो रहा है। अभी भी शहर को मुक्त करने की स्थिति नहीं है। मौजूदा हालात में प्रशासनिक प्रयास सिर्फ अंधेरे में तीर चलाने भर रह गए है।

बड़े राज्यों से ज्यादा खतरनाक स्थिति –
कोरोना संक्रमण को लेकर इंदौर की जो तस्वीर दिखाई जाए मगर हालात चिंताजनक है इस बात को मानना ही होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के दस बड़े राज्यों को हॉट स्पॉट में चिंहित कर सूची जारी की है। इन राज्यों की स्थिति के अनुसार आंकलन करे तो जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से इंदौर आंठवे स्थान पर है। जहां मरीजों की संख्या और मरने वालों का आंकड़ा जनसंख्या के अनुपात में सर्वाधिक है। गौरतलब है कि इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3182 हो चुकी है और अब तक 119 लोगों की जान जा चुकी है।

हालात को इस तरह समझे –
हालात को कुछ ऐसे भी समझ सकते है कि 9 करोड़ की जनसंख्या वाले पश्चिम बंगाल में 3 हजार 459 कोरोना पॉजिटिव मरीज है वही 30 लाख की आबादी वाले इंदौर में भी मरीजों की संख्या 3 हजार पार हो चुकी है। तमीलनाडू में 15 हजार से ज्यादा कोरोना पेशेंट है मगर मौत 104 की हुई, वही इंदौर में 116 लोगों की जान जा चुकी है। आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्य भी हॉट स्पॉट राज्य की सूची में है मगर मरीजों की संख्या यहां इंदौर से कम है।

इंदौर के हालात को कुछ ऐसे जानिए –
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों की संख्या मंगलवार तक 7 हजार 261 तक पहुंच गई। प्रदेश में संक्रमण से 313 लोग अपनी जान गवा चुके है, जिसमे इंदौर के 119 मरीज भी शामिल है। जबकि इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 3 हजार पार कर चुकी है यानी प्रदेश के मरीजों में करीब आधे मरीज इंदौर के ही है। बीते दो माह में शहर के करीब 140 इलाके कंटेंनमेंट एरिया घोषित किए जा चुके है। यानी शहर के 70 से ज्यादा वार्ड संक्रमण की जद में फंसे है। खुद शासन की रिपोर्ट बता रही है कि इंदौर जिले कोरोना मृत्यु दर 3.6 प्रतिशत है, प्रदेश में यह 4.1 प्रतिशत और देश में 2.6 प्रतिशत है।

केंद्र सरकार की टीम भी कर चुकी है दौरा –
खास बात यह है कि 24 मार्च तक इंदौर के हालात एकदम सामान्य थे मगर महज दो माह में देश के सबसे स्वच्छ के हाल बेहाल हो गए। कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद हो या संक्रमण से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा इंदौर ने दोनों ही मामलों में पूरे देश को चौकाने का काम किया है। इसकी चिंता केंद्र सरकार को भी हुई और एक विशेष टीम भी इंदौर भेजी गई थी। कुछ दिन रूक कर यह विशेष टीम लौट गई प्रचारित यह किया गया कि टीम इंदौर में चल रहे प्रयासों से संतुष्ट होकर गई। पर शहर के हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ उल्टा स्थिति और बेकाबू होती दिख रही है।

लॉक डाउन खौलने में खतरा –
अभी तक उठाए गए कदमों से पता ही नहीं चल रहा कि आखिर अधिकारी चाहते क्या है। लोगों में इम्यूटिनी बढ़ाने की बात की जा रही है और दो महिने तक सब्जियां और फल नहीं बिकने दिए। यही हाल राशन आदि का है जिसके लिए लोग नगर निगम पर निर्भर हो गए। जब व्यवस्था नहीं संभली तो ठेकेदारों को ले आए। गरीब किसान का क्या होगा उसे तो उपज की लागत भी नहीं मिली। दो माह से उपर हो गए है लोग घरों में कैद से तंग आ चुके है। शहर को संक्रमण के मान से वर्गीकृत किया जाना चाहिए। शहर के बाहरी क्षेत्र जहां संक्रमण नहीं है उसे खौलने की प्लानिंग पर ध्यान देने की जरूरत है।
किशोर कोड़वानी, वरिष्ठ समाजसेवी एवं पर्यावरणविद

हॉट स्पॉट राज्यों की 26 मई तक स्थिति

महाराष्ट्र – केस 47,190 – मौत -1,577
गुजरात – केस 13,669 – मौत – 829
पश्चिम बंगाल – केस 3,459 – मौत 269
दिल्ली – केस 12,910 – मौत – 231
राजस्थान – केस 6,742 – मौत – 160
उत्तर प्रदेश – केस 6,017 – मौत – 155
तमिलनाडु – केस 15,512 – मौत 104
आंध्र प्रदेश – केस 2,714 – मौत – 56
बिहार – 2,394 – मौत – 11
मध्यप्रदेश – कुल केस 7,261 – मौत – 313
इन्दौर – कुल केस 3,103 – मौत – 117

साभार :- प्रदीप जोशी, इंदौर
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