मगरमच्छ के आसुंओ में डूब गई न्याय की उम्मीद

श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर बावड़ी हादसा हुवा तब हादसे में पीड़ितों को बचाने का जो भी प्रयास किया गया वो चींटी की चाल जैसा था।

बचाव दल ,प्रशासन,नगर निगम के पास ऐसी कोई सुविधा नही थी कि हादसे के शिकार लोगो को तत्काल कोई राहत दी जा सके।

जब सब तरफ प्रशासन,नगर निगम,ओर बचाव दल फेल हो गए तब सेना को बुलाया गया और जब सेना को बुलाया गया तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था क्या कोई भी पानी के अंदर गिरने से 7  घण्टे जीवित रह सकता हैं?

बड़ी बात तो यह हैं कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 के कई सिन्धी समाज के लोगो की भी इस हादसे में मृत्यू हो गई पर क्षेत्रीय विधायक श्रीमति मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ अपने वोटरों के घर सांत्वना देने नहीं पहुंची। साथ ही  इन्दौर शहर का कोई भी भजापा नेता किसी भी गमगीन परिवार को उनके घर जाकर सात्वना देने नहीं पहुंचे।

शहर के इन चुने हुवे सत्तापक्ष के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के सामने  इन्दौर नगर निगम के अमले के हाथों एक जीवित बावड़ी की हत्या होते रही और 80 साल पुराने हिन्दू मंदिर को निगम की पोकलेन मशीन से तोड़ते रहे और कोई भी सत्ताधारी जनप्रतिनिधि एक जीवित बावड़ी ओर प्रसिद्ध सबकी मन्नत पूरी करने वाले मंदिर को बचाने ओर अधिकारियों से पूछने तक कोई नही आया कि बावड़ी का क्या कसूर हैं जो इस बावड़ी की हत्या कर रहे हो और मंदिर का क्या कसूर हैं जो भगवानों, देवी देवताओं को बेघर करके मंदिर को तोड़कर मिट्टी में मिला रहे हो।

क्या अगर इस बावड़ी की हत्या होती या यह मंदिर कांग्रेस की सरकार में अगर टूटता तो यह भाजपा के नेता और जनप्रतिनिधि यूंही चुप बैठे रहते या अपने वोट कबाड़ने के लिए फिर विधयाक बनने के लिए सड़कों पर आंदोलन करते। पर सत्तापक्ष के नेता अपनी सरकार का विरोध भी नही कर पाए क्योकि उन्हें भी पार्टी के विरोध करने की सजा मिलने का भय था।

क्षेत्र क्रमांक 4 की विधायक और उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री के उस बयान को लेकर जिसमे मुख्यमंत्री ने सिर्फ इतना कहा था कि  तोड़ा गया मंदिर पुराना था आम जनता और रहवासियों की मंदिर के प्रति आस्था थी मंदिर तोड़ना गलती थी मंदिर उसी स्थान पर बनाया जाना चाहिए। बस इतने से बयान को लेकर क्षेत्रीय विधायक और उनके समर्थक मुख्यमंत्री को धन्यवाद बोलने के लिए मुख्यमंत्री की 20 दिन पुरानी बात को लेकर 200 किलो मीटर दूर चले गए। पर क्षेत्रीय विधायक ने हादसे में सिन्धी समाज के गमगीन मात्र 4 किलोमीटर दूर रहे रहे अपने वोटरों के घर जाकर न तो सात्वना देना तक उचित नही समझा ओर न ही मंदिर तोड़ने का विरोध किया न ही बावड़ी की हत्या करने वाले इन्दौर नगर निगम के अधिकारियों से कोई सवाल किया।

बावड़ी की हत्या करने और 80 साल पुराने मंदिर को तोडकर मिट्टी में मिलाए जाने पर इन्दौर नगर निगम की संत कंवरराम व्यापारी संघ और सिन्धी कालोनीं रहवासी संघ कड़े शब्दों में निंदा करता हैं।

बिलकुल सच लिखा है दैनिक भास्कर के संपादक श्री अमित मंडलोई जी ने…

गोपाल कोडवानी
(अध्यक्ष :-  संत कंवरराम व्यापारी ओर रहवासी संघ)

  • Related Posts

    जब दिल ही टूट गया

    मंत्री मंडल बनने से पहले की रात कई “माननीयों” पर भारी रही। जब तक नामों की पोटली नहीं खुली थी, उम्मीद ज़िंदा थी। तब नींद में गुनगुनाया करते थे, “शब-ए-इंतेज़ार”…

    भगवान के साथ रोटी

    एक 6 साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद्द किया करता था। उसकी अभिलाषा थी, कि एक समय की रोटी वह भगवान के साथ खाए… एक…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    इंदौर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव मैदान छोड़ा

    • By admin
    • April 30, 2024
    • 394 views
    इंदौर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव मैदान छोड़ा

    मध्य प्रदेश में बना दुनिया का सबसे ऊंचा जैन मंदिर

    • By admin
    • April 29, 2024
    • 491 views
    मध्य प्रदेश में बना दुनिया का सबसे ऊंचा जैन मंदिर

    महाकाल मंदिर में शुल्क देकर भी शीघ्र दर्शन नहीं कर सकेंगे

    • By admin
    • December 27, 2023
    • 470 views
    महाकाल मंदिर में शुल्क देकर भी शीघ्र दर्शन नहीं कर सकेंगे

    जब दिल ही टूट गया

    • By admin
    • December 27, 2023
    • 483 views

    चार वेद, जानिए किस वेद में क्या है….?

    • By admin
    • December 21, 2023
    • 517 views
    चार वेद, जानिए किस वेद में क्या है….?

    भगवान के साथ रोटी

    • By admin
    • December 21, 2023
    • 382 views
    भगवान के साथ रोटी