नारी के अनेक रूप

लडकियाँ यदि बहन है तो शुचिता की दर्पण है ||
लडकी यदि पत्नी है तो खुद का समर्पण है ||
लडकी अगर भाभी है तो भावना का भंडार है ||
लड़की मामी मौसी बुआ है तो स्नेह का सत्कार है ||
लडकी यदि काकी है तो कर्तव्य की साधना है ||
लडकी अगर साथी है तो सुख की शतत संभावना है ||
लडकी यादि माँ है तो परमात्मा का स्वारूप है||

Author: Govind Gupta (गोविंद गुप्ता)

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