बुरा जो देखन मैं चला….

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात जब हमारी काम वाली मेहरी को पता चले तो वो गुस्से से भर गई. अपनी कमर पर साड़ी बांधते हुए बोली,

“मेरे जैसी हो तो चप्पल ही चप्पल दे मारे उन नासमिटो को ? बड़े आये औरतों को औकात में रखने वाले…….”

बडबडाते हुए वह अपने थर्ड हैण्ड मोबाईल पर “सनम बेवफा….” गाना चलाकर कचरा बुहारने लगी.

मगर हमारे पड़ोसी गुनीराम जी को जब यह बात पता चली तो वे तनतना गए. दांत पीसते हुए बोले,

“उसे क्या पता, हमारे देश में महिलाओं पर कितने अत्याचार हो रहे हैं! पढ़ी लिखी होती तो जानती कि दुःख क्या होता है. गंवार कहीं की! अपने देश की बुराइयाँ नजर नहीं आती इसे, दूसरों के घरों में झाँकने का बोल दो.”

गुनी जी का गुस्सा जायज़ भी था. अपने रिश्तेदारों के बारे में ऐसी बातें भला कौन सुनेगा! आखिर तालिबानी है तो हमारे समधी ही, गांधारी जो ब्याही थी धृतराष्ट्र से. थोडा भुनभुनाकर वे अपनी तुच्छ सी ऑडी कार में सवार होकर, भाभीजी को रिसीव करने एयरपोर्ट की ओर रवाना हो गए. गुनी जी पी. डब्ल्यू. डी. में पार्ट टाइम प्रथम श्रेणी कर्मचारी होने के साथ ही एक घनघोर प्रतिभाशाली फुलटाइम फेसबुकिया लेखक भी हैं, और देश और दुनिया के हर मुद्दे पर अपने बेलगाम विचार निःशुल्क व्यक्त करते हैं. बेलगाम इसलिए कि गुनी जी के मुताबिक ‘लगाम’ एक पाबंदी है, जो एक तरह से घोड़ों के मानवाधिकारों का हनन है. इसीलिए ‘लगाम’ से उन्हें सख्त ऐतराज है. वे अपनी किसी भी अभिव्यक्ति में लगाम के चक्कर में कभी नहीं पड़ते और अगर कोई लगाम लगाना भी चाहे तो वे उसे भारत के संविधान का वह अनुच्छेद याद दिला देते हैं जो उन्हें हर तरह की बकवास करने की आज़ादी देता है.   

जब से अफगानिस्तान में तालिबान के शांतिपूर्ण कार्यक्रम शुरू हुए हैं तब से गुनी जी कुछ चिंतित से नज़र आते हैं. उन्हें डर है कि कहीं दूसरों के दुःख देखकर हम अपने दुःख भुला न बैठे. इसलिए उन्होंने पूरी शिद्दत से नए पुराने अखबार जमा करके, देश में ‘महिला उत्पीड़न’ की ख़बरों वाली कटिंग के रूप में ढेर सारे हथियार जमा कर लिए. अपने देश में इतनी आसानी से बंदूक तो मिलने से रही, सो अपने जाहिल देशवासियों से निपटने के लिए फ़िलहाल उन्हें अख़बार का ही सहारा था. उनका जी तो चाहता था कि उड़कर अफगानिस्तान ही चले जाए और किसी तालिबानी बच्चे से छिनकर एक बन्दुक ही ले आए, मगर वहां भून दिए जाते तो फिर यहाँ अपने देश में क्रांति कौन लाता, इसलिए उन्होंने बंदूक वाला आइडिया त्याग दिया और दिल को “जो है जितना है…..” वाला दिलासा देकर समझा दिया.

उसके बाद तो जहाँ कोई तालिबान की बुराई करता नज़र आता, गुनी जी अपनी कागज़ी बंदूक से तुरंत गोली दाग देते. बदले में कई गोलियां उन पर भी चलती, वे साहस के साथ अपने सीने पर गोलियां झेल जाते, मगर तालिबान पर आंच न आने देते. इतना ही नहीं वे हर घंटे फेसबुक पर कोई तड़कती भड़कती पोस्ट चेंप कर देशवासियों को देश के हालात से वाकिफ़ भी करवाते. उनके लिए अफगानिस्तान और भारत अब एक ही था. एक तरह से उनका शरीर तो हिंदुस्तान में था मगर आत्मा अफगानिस्तान में ही वास कर रही थी. 

इधर एयरपोर्ट पर भाभीजी मिनी स्कर्ट में कयामत ढा रही थीं. एक पल को तो गुनी जी के प्राण ही सूख गए कि कोई भाभीजी को गोली न मार दे. तभी उन्हें ख्याल आया कि उनकी नश्वर देह तो भारत में ही है, उन्होंने चैन की साँस ली. फिर गले लगाकर भाभीजी का स्वागत किया. भाभीजी गोवा से नए दुःख अनुभव करके आई थीं, रास्ते भर दोनों वही बाँटते रहे. इस बीच दोनों ये सोचकर बहुत दुखी थे कि काम वाली मेहरी को अपने दुखों का एहसास ही नहीं है, वह खुद को अफगानी औरतों से ज्यादा सुखी समझती है, पढ़ी लिखी होती तो जानती कि दुःख किसे कहते हैं!

लेखक – सारिका गुप्ता

  • Related Posts

    आप न्यायाधीश हैं, निर्णय करना आपका काम है

    न्यायालय में एक मुकद्दमा आया, जिसने सभी को झकझोर दिया | अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही…

    मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ..

    मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ… क्या पता की हम खुद ही किसके भाग्य से खा रहे हैँ…?? एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    इंदौर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव मैदान छोड़ा

    • By admin
    • April 30, 2024
    • 159 views
    इंदौर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव मैदान छोड़ा

    मध्य प्रदेश में बना दुनिया का सबसे ऊंचा जैन मंदिर

    • By admin
    • April 29, 2024
    • 144 views
    मध्य प्रदेश में बना दुनिया का सबसे ऊंचा जैन मंदिर

    महाकाल मंदिर में शुल्क देकर भी शीघ्र दर्शन नहीं कर सकेंगे

    • By admin
    • December 27, 2023
    • 153 views
    महाकाल मंदिर में शुल्क देकर भी शीघ्र दर्शन नहीं कर सकेंगे

    जब दिल ही टूट गया

    • By admin
    • December 27, 2023
    • 149 views

    चार वेद, जानिए किस वेद में क्या है….?

    • By admin
    • December 21, 2023
    • 155 views
    चार वेद, जानिए किस वेद में क्या है….?

    भगवान के साथ रोटी

    • By admin
    • December 21, 2023
    • 144 views
    भगवान के साथ रोटी