दमोह । जी हाँ लाइसेंस मांगने का तरीका कालर पकड़ कर हिला कर धक्का देकर ऐसे मांगा जाता है लाइसेंस यह तरीका का दमोह यातायात थाना में पदस्थ एस. आई. आकांक्षा जोशी का आप स्वयं निर्धारित करें यह किस हद तक सही क्या यही है कानून, क्या यही है देश का संबिधान ।
ठीक है माना यदि लाईसेंस नही है या कोई भी कमी है उसके लिए एक कानून है जिसके तहत आप इज्ज़त से चालान काट सकते है ।
किसी भी व्यक्ति का अपमान करना कहां तक उचित है ।
आत्म सम्मान हर व्यक्ति के लिए सर्वोच्च होता है चाहे वह कोई अधिकारी हो, मजदूर हो, विद्यार्थी हो या कोई और अब आप स्वयं निर्धारित करिए कि इस तरह का व्यवहार कहा तक शोभनीय है एवं कहा तक उचित है ।
अब देखना होगा कि शासन क्या कार्य कार्यवाही करता है, यदि आप चाहते है कि इस तरह का कोई घटना क्रम, आपके परिवार के या आपके मित्र या किसी भी व्यक्ति के साथ न घटे तो इस ख़बर को इतना वायरल करें कि ऐसे अधिकारीयो को सबक मिल सके ।
ऐसे चंद अधिकारियो के चक्कर मे समस्त पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर बात आती है ।
ट्रैफिक पुलिस नहीं निकाल सकती है आपके वाहन की चाबी, आज ही जानें अपना यह अधिकार :-
दमोह मध्यप्रदेश बस स्टैंड पर यातायात एस आई आकाक्षा जोशी लाइसेंस मांगने के लिए एक लड़के को धक्का देती व रॉब झाड़ती नजर आयी ।
आमतौर पर देखा जाता है कि भारत में पुलिसकर्मी सड़कों पर वाहन चेकिंग के दौरान वाहन से चाबी निकाल लेते हैं। अधिकांश लोग यह सोचते हैं कि पुलिस चेकिंग के दौरान ऐसा कर सकती है, लेकिन क्या आपको पता है मोटर वाहन एक्ट के अंतर्गत ऐसा कोई कानून नहीं है जो पुलिस को ऐसा करने का अधिकार देता है?
गैरकानूनी है पुलिस द्वारा चाबी निकालना
पुलिस द्वारा वाहन से चाबी निकालना गैरकानूनी है। अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो वह पुलिस विभाग और मोटर वाहन एक्ट द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है।
किसी भी पुलिसकर्मी को आपके वाहन की चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। पुलिस विभाग में दायर सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार कोई भी पुलिसकर्मी चाहे वह किसी भी रैंक का हो, किसी भी दोपहिया, तिपहिया या चारपहिया वाहन की चाबी नहीं निकल सकता है।
टायर की हवा निकालना भी है गैरकानूनी
दरअसल देखा जाता है कि नो पार्किंग या सड़क किनारे खड़ी गाड़ी का पुलिस वाले हवा निकाल देते हैं। ऐसा करना भी गैरकानूनी है और इसके लिए पुलिसकर्मी पर कार्रवाई हो सकती है।
मोटर वाहन एक्ट 2019 में क्या हैं निर्देश
1 सितंबर से लागू हुए नए मोटर वाहन एक्ट 2019 में ये निर्देश दिया गया है कि सिर्फ सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) या उससे ऊपर के रैंक के ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ही ट्रैफिक उल्लंघन के लिए चालान या नोटिस देने के लिए अधिकृत हैं। एएसआई (वन-स्टार), सब-इंस्पेक्टर (टू-स्टार) और इंस्पेक्टर (थ्री-स्टार) रैंक के अधिकारी केवल स्पॉट जुर्माना जमा करने के लिए अधिकृत हैं।
क्या करें जब ऐसा हो
अगर ट्रैफिक पुलिस वाले चेकिंग के नाम पर आपसे बदसलूकी करते हैं या गाली गाली-गलौज या मारपीट करते हैं तो आप इसके खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते हैं या 100 नंबर पर डायल कर पुलिस हेल्पलाइन में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
यदि इसपर भी कार्रवाई नहीं हो तो मामले को हाईकोर्ट में ले जा सकते हैं। पुलिस वाले के खिलाफ नागरिक और मानवाधिकार हनन का केस डालिये। इससे उक्त पुलिसकर्मी ससपेंड हो सकता है और उसे बचने वाले पुलिस अधिकारीयों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
हमेशा ध्यान रखें की मोटर वाहन एक्ट पुलिसकर्मी को गुंडा गर्दी करने का अधिकार नहीं देता। वो सिर्फ चलन काट सकते हैं और गाड़ी जब्त कर सकते हैं। पुलिसकर्मी सिर्फ हाथ से इशारा कर गाड़ी रुकवा सकते हैं। अगर कोई वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार है।
Source : – Hindi Drive Spark & Patrika News