इंदौर : रेलवे स्टेशन कोरोना के नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन के लिए इंदौर का प्रवेश द्वार बन सकता है। रेलवे प्रबंधन द्वारा भले ही कोरोना गाइडलाइन को लेकर सख्ती बरतने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। रेलवे स्टेशन पर न तो यात्रियों की कोरोना जांच में गंभीरता बरती जा रही है और न ही बिना मास्क यात्रा करने वालों पर कोई सख्ती दिखाई दे रही है। यात्री भी बिना मास्क के धड़ल्ले से ट्रेनों में सफर कर रहे हैं।
रेलवे स्टेशन से 50 से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन वर्तमान में किया जा रहा है। इनमें से कुछ ऐसी ट्रेनें भी हैं जिनका परिचालन महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली के लिए होता है। इन राज्यों में ऑमिक्रॉन दस्तक दे चुका है, ऐसे में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली से आने वाले यात्रियों के संक्रमित होने की संभावना भी बढ़ गई है। रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच बढ़ाने और सख्ती बरतने की जरूरत है। रेलवे प्रबंधन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कह रहा है लेकिन तस्वीरें बताती हैं कि रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच के लिए काउंटर तो लगे हैं और जांच भी हो रही है लेकिन यह जांच कुछ ही घंटे होती है। वहीं यात्री भी बिना मास्क के ट्रेनों में सफर कर रहे हैं।
2-3 घंटे होती है कोरोना जांच
रेलवे स्टेशन के निकास और प्रवेश द्वार पर कोरोना जांच के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं, लेकिन जहां जांच सुबह 10 से दोपहर 1 बजे के बीच ही होती है। यात्रियों को मास्क पहनने की समझाइश सिर्फ अनाउंसमेंट में दी जा रही है, मौके पर बिना मास्क के यात्रियों पर कार्रवाई अब तक शुरू नहीं की गई है।
इन ट्रेनों से आ सकता है खतरा
@ दौंड-इंदौर एक्सप्रेस
@ अवन्तिका एक्सप्रेस
@ जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस
@ जयपुर-इंदौर एक्सप्रेस
@ शांति एक्सप्रेस
@ रणथंबोर एक्सप्रेस
@ दिल्ली सरायरोहिला एक्सप्रेस
@ मालवा एक्सप्रेस
@ नई दिल्ली-इंदौर इंटरसिटी एक्स्प्रेस
बिना मास्क के यात्रा करने पर 500 रूपए जुर्माना का प्रावधान किया गया है। कार्रवाई के लिए आरपीएफ के जवानों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरोना जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से व्यवस्था की जाती है, इसका संचालन भी राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
खेमराज मीना
जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम मंडल