छात्राओं के गुस्से को समझ नहीं पाया बीएचयू प्रशासन

मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में थे और पुलिस लाठियां बरसा रही थी छात्राओं पर ! प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस, और वहां भी वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जहां मदनमोहन…

शौचालय के लिए जो जितने अधिक गड्ढे खोदे उसे मिले श्रेष्ठ शिक्षक का सम्मान !

गांवों में तो आज भी माट्साब ही कहा जाता है जो सुधर कर शहरों में आते आते मास्टर हो जाता है। वैसे तो यह अंग्रेजी का शब्द है जिसका आसान…

हरियाणा पुलिस का “राग हनीप्रीत” तुम छुपी हो कहॉ-हम परेशॉ यहॉ…!

कहा जाता है कि हरियाणा पुलिस दर दर भटकती हुई, कभी नेपाल तो कभी बाडमेर राजस्थान में डेरा बाबा की चहेती को ढूंढ़ती फिर रही है । मीडिया भी हनीप्रीत…

सवा सौ साल पहले पांव पेटी थी पियानो समान

जो वाद्य देखे सुने नहीं, उन्हें सब देख सकें यह अवसर जुटाया है गौतम काले ने अाज शास्त्रीय संगीत की महफिल में जो हारमोनियम हाथ से बजाया जाता है एक…

टांगा क्या किसी को उल्टा !

एक महीना तो हो गया । खबरों में तो कहीं सुनने देखने में नहीं आया कि सीएम ने किसी कलेक्टर, कमिश्नर को उल्टा टांगा हो। हां जिलों में कलेक्टरों, हर…

स्वादिष्ट भोजन में कंकड़ की तरह है कर्नाटक का हिंदी विरोध ….!!

” हिंदी दिवस के लिए विशेष … “ छात्र जीवन में अनायास ही एक बार दक्षिण भारत की यात्रा का संयोग बन गया। तब तामिलनाडु में हिंदी विरोध की बड़ी…

भारत में संकट बनते रोहिंग्या शरणार्थी

म्यांमार में सेना के दमनात्मक रवैये और पड़ोसी बांग्लादेश सरकार का रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ सख्त रवैये के चलते भारत में लिए मुश्किलें बढ़ा दी है। पिछले पांच साल में…

मंत्रिमंडल का विस्तार….

रविश कुमार ज्यादातर पत्रकारों के प्रिय हैं तो आभासी दुनिया के बड़े हिस्से की आंखों में खटकते भी हैं।यह लेख मूलत: रवीश कुमार के ब्लॉग कस्बा पर प्रकाशित हुआ है।समर्थक…

रेल हादसों से क्या सीखा हमने …

एस- सात कोच की बर्थ संख्या 42 व 43 । 12477 पुरी – हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस में यही हमारी सीट थी। जिससे एक दिन पहले ही हम झांसी पहुंचे थे।…

कैसी – कैसी आजादी …!

फिर आजादी … आजादी का वह डरावना शोर सचमुच हैरान करने वाला था। समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह कैसी आजादी की मांग है। अभी कुछ महीने…